विदुर कुटी आश्रम बिजनौर
कण्व आश्रम की तरह विदुर कुटी का पौराणिक दृष्टि से बहुत महत्व है। किवदन्ति है कि महाभारत काल में सुप्रसिद्ध नीतिज्ञ गगां के तट पर अवस्थित था। ऐसी मान्यता है कि कृष्ण जी जव हस्तिनापुर में कौरवों को समझाने में असफल रहे थे तो वह कौरवों की 56 मांगों को ठुकराकर गंगा पार करके महात्मा विदुर के आश्रम में आये थे। विदुर आश्रम में महात्मा विदुर के पदचिन्ह आज भी संगमरमर पर सुरक्षित है।